वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, हार्दिक उल्लास शिविर
२० अप्रैल, २०१९
मुक्तेश्वर, उत्तराखंड
तदर्थ एव दृश्यस्यात्मा ॥ २.२१॥
भावार्थ: दृश्य का स्वरुप दृष्टा के लिए ही है।
साधन पाद,
पतंजलि योग सूत्र
प्रसंग:
योगसूत्र को कैसे समझें?
दृश्य और दृष्टा में क्या सम्बन्ध होता है?
दृष्टा से मुक्ति कैसे पाएँ?
दृश्य का दृष्टा पर क्या प्रभाव पड़ता है?
संगीत: मिलिंद दाते